मुंबई. शेयर बाजार ने बजट के दिन निवेशकों को हुए नुकसान की भरपाई कर दी है। मंगलवार को लगातार दूसरे दिन सेंसेक्स में उछाल आया। यह 917.07 अंक की बढ़त के साथ 40,789.38 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह एक बार 40,818.94 तक पहुंचा था। इससे बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 153.75 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 156.61 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है। वहीं, निफ्टी की क्लोजिंग 271.75 प्वाइंट ऊपर 11,979.65 पर हुई। इंट्रा-डे में 11,986.15 का स्तर छुआ था। इस तेजी से निवेशकों को दो दिन में 3.57 लाख करोड़ का फायदा हुआ है। बजट के दिन बाजार में 11 साल की सबसे बड़ी गिरावट आई थी। उस दिन सेंसेक्स 988 अंक और निफ्टी 300 प्वाइंट लुढ़क गया था। इससे निवेशकों को 3.46 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सोमवार को बाजार में सुधार आया था। सेंसेक्स 137 और निफ्टी 46 अंक के फायदे में रहा था।
क्रूड सस्ता होने से तेल कंपनियों के शेयरों में 5.6% तक तेजी
सेंसेक्स के 30 में से 28 और निफ्टी के 50 में से 45 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। एनएसई पर सभी 11 सेक्टर इंडेक्स फायदे में रहे। मेटल इंडेक्स में सबसे ज्यादा 3.32% तेजी आई। रिएलिटी इंडेक्स 2.77% और फाइनेंशियल सर्वेसेज इंडेक्स 2.87% ऊपर बंद हुआ। क्रूड सस्ता होने से तेल कंपनियों के शेयरों में तेजी आई। आईओसी का शेयर 5.6% फायदे में रहा।
निफ्टी के टॉप-5 गेनर
शेयर | बढ़त |
टाइटन | 7.30% |
इन्फ्राटेल | 5.67% |
आईओसी | 5.60% |
बजाज फिनसर्व | 4.94% |
बीपीसीएल | 4.34% |
निफ्टी के 5 लूजर
शेयर | गिरावट |
जी एंटरटेनमेंट | 5.30% |
बजाज ऑटो | 3.76% |
यस बैंक | 2.78% |
आयशर मोटर्स | 1.81% |
हिंदुस्तान यूनीलीवर | 0.87% |
बाजार में तेजी की 3 वजह
- इकोनॉमी में सुधार के संकेत: मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियां पिछले 8 साल में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने से इकोनॉमी को लेकर निवेशकों की चिंताएं कम हुई हैं। जनवरी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 55.30 दर्ज हुआ है। इसमें अंतरराष्ट्रीय बाजार से मांग बढ़ने का अहम योगदान रहा। नए ऑर्डर मिलने की रफ्तार में भी तेजी देखने को मिली। सोमवार को पीएमआई के आंकड़े आए थे।
- क्रूड ऑयल में गिरावट: ब्रेंट क्रूड के रेट में सोमवार को 3.8% गिरावट आई। यह 2.17 डॉलर गिरकर 54.45 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। यह पिछले साल जनवरी के बाद सबसे निचला स्तर है। कोरोनावायरस के असर की वजह से चीन से मांग घटने और ओपेक की ओर से प्रोडक्शन घटाने की आशंका के चलते क्रूड सस्ता हुआ। हालांकि, मंगलवार के कारोबार में 0.4% बढ़त के साथ 54.66 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।